स्तुति
- ....क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है।
नेहेमयाह ८:१० -
मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा करूंगा; उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी।
भजन संहिता ३४:१ -
धन्यवाद के बलिदान का चढ़ानेवाला मेरी महिमा करता है; और जो अपना चरित्र उत्तम रखता है उसको मैं परमेश्वर का किया हुआ उद्धार दिखाऊंगा!
भजन संहिता ५०:२३ -
याह की स्तुति करो! ईश्वर के पवित्रास्थान में उसकी स्तुति करो, उसकी सामर्थ से भरे हुए आकाशमण्डल में उसी की स्तुति करो! उसके पराक्रम के कामों के कारण उसकी स्तुति करो, उसकी अत्यन्त बड़ाई के अनुसार उसकी स्तुति करो! नरसिंगा फूंकते हुए उसकी स्तुति करो, सारंगी और वीणा बजाते हुए उसकी स्तुति करो! डफ बजाते और नाचते हुए उसकी स्तुति करो, तारवाले बाजे और बांसुली बजाते हुए उसकी स्तुति करो! ऊंचे शब्द वाली झांझ बाजाते हुए उसकी स्तुति करो, आनन्द के महाशब्द वाली झांझ बजाते हुए उसकी स्तुति करो! जितने प्राणी हैं सब के सब याह की स्तुति करें! याह की स्तुति करो!
भजन संहिता १५० -
क्या ही धन्य है वह समाज जो आनन्द के ललकार को पहिचानता है; हे यहोवा वे लोग तेरे मुख के प्रकाश में चलते हैं
भजन संहिता ८९:१५ -
हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो! आनन्द से यहोवा की आराधना करो! जयजयकार के साथ उसके सम्मुख आओ!
भजन संहिता १००:१, २ -
यहोवा का धन्यवाद करना भला है, हे परमप्रधान, तेरे नाम का भजन गाना;
भजन संहिता ९२:१ -
मैं करूणा और न्याय के विषय गाऊंगा; हे यहोवा, मैं तेरा ही भजन गाऊंगा।
भजन संहिता १०१:१ -
यहोवा राजा हुआ है, पृथ्वी मगन हो, और द्वीप जो बहुतेरे हैं, वह भी आनन्द करें!
भजन संहिता ९७:१ -
हे धर्मियों यहोवा के कारण आनन्दित हो; और जिस पवित्र नाम से उसका स्मरण होता है, उसका धन्यवाद करो!
भजन संहिता ९७:१२ -
हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना।
भजन संहिता १०३:१, २ -
याह की स्तुति करो! यहोवा के लिये नया गीत गाओ, भक्तों की सभा में उसकी स्तुति गाओ! वे नाचते हुए उसके नाम की स्तुति करें, और डफ और वीणा बजाते हुए उसका भजन गाएं! क्योंकि यहोवा अपनी प्रजा से प्रसन्न रहता है; वह नम्र लोगों का उद्धार करके उन्हें शोभायमान करेगा। भक्त लोग महिमा के कारण प्रफुल्लित हों; और अपके बिछौनों पर भी पड़े पड़े जयजयकार करें।
भजन संहिता १४९:१, ३-५ -
धन्यवाद के बलिदान का चढ़ानेवाला मेरी महिमा करता है; और जो अपना चरित्र उत्तम रखता है उसको मैं परमेश्वर का किया हुआ उद्धार दिखाऊंगा!
भजन संहिता ५०:२३ -
आधी रात के लगभग पौलुस और सीलास प्रार्थना करते हुए परमेश्वर के भजन गा रहे थे, और बन्धुए उन की सुन रहे थे।
प्रेरितों के काम १६:२५ -
तब उस ने प्रजा के साथ सम्मति करके कितनों को ठहराया, जो कि पवित्रता से शोभायमान होकर हयियारबन्दों के आगे आगे चलते हुए यहोवा के गीत गाएं, और यह कहते हुए उसकी स्तुति करें, कि यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि उसकी करुणा सदा की है। जिस समय वे गाकर स्तुति करने लगे, उसी समय यहोवा ने अम्मोनियों, मोआबियों और सेईर के पहाड़ी देश के लोगों पर जो यहूदा के विरुद्ध आ रहे थे, घातकों को बैठा दिया और वे मारे गए।
२ इतिहास २०:२१, २२ -
हर बात में धन्यवाद करो; क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यहीं इच्छा है।
१ थिसुलोनिकियों ५:१८ -
इसलिये हम उसके द्वारा स्तुतिरूपी बलिदान, अर्थात उन होठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं, परमेश्वर के लिये सर्वदा चढ़ाया करें।
इब्रानियों १३:१५ -
मेरे मुंह से तेरे गुणानुवाद, और दिन भर तेरी शोभा का वर्णन बहुत हुआ करे।
भजन संहिता ७१:८ -
मैं तो निरन्तर आशा लगाए रहूंगा, और तेरी स्तुति अधिक अधिक करता जाऊंगा।
भजन संहिता ७१:१४ -
उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है।
भजन संहिता ११३:३ -
और आपस में भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाया करो, और अपने अपने मन में प्रभु के साम्हने गाते और कीर्तन करते रहो। और सदा सब बातों के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम से परमेश्वर पिता का धन्यवाद करते रहो।
इफिसियों ५:१९, २० -
हे हमारे परमेश्वर से सब डरनेवाले दासों, क्या छोटे, क्या बड़े, तुम सब उस की स्तुति करो।
प्रकाशितवाक्य १९:५