प्रार्थना
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मृत्यु की तरंगों ने तो मेरे चारों ओर घेरा डाला, अधर्मियों की बाढ़ ने मुझ को घबड़ा दिया या; अधोलोक की रस्सियां मेरे चारों ओर थीं, मृत्यु के फन्दे मेरे साम्हने थे। अपने संकट में मैं ने यहोवा को पुकारा; और अपने परमेश्वर के सम्मुख चिल्लाया। औंर उस ने मेरी बात को अपने मन्दिर में से सुन लिया, और मेरी दोहाई उसके कानों में पहुंची।
२ शमुएल २२:५-७ -
यदि मैं मन में अनर्थ बात सोचता तो प्रभु मेरी न सुनता। परन्तु परमेश्वर ने तो सुना है, उस ने मेरी प्रार्थना की ओर ध्यान दिया है।
भजन संहिता ६६:१८, १९ -
हे यहोवा, भोर को मेरी वाणी तुझे सुनाई देगी, मैं भोर को प्रार्थना करके तेरी बाट जोहूंगा।
भजन संहिता ५:३ -
क्योंकि उस ने दु:खी को तुच्छ नहीं जाना और न उस से घृणा करता है, ओर न उस से अपना मुख छिपाता है; पर जब उस ने उसकी दोहाई दी, तब उसकी सुन ली।
भजन संहिता २२:२४ -
और संकट के दिन मुझे पुकार, मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा।
भजन संहिता ५०:१५ -
सांझ को, भोर को, दोपहर को, तीनों पहर मैं दोहाई दूंगा और कराहता रहूंगा। और वह मेरा शब्द सुन लेगा।
भजन संहिता ५५:१७ -
हे लोगो, हर समय उस पर भरोसा रखो, उस से अपने अपने मन की बातें खोलकर कहो; परमेश्वर हमारा शरणस्थान है।
भजन संहिता ६२:८ -
हे परमेश्वर, तू मेरा ईश्वर है, मैं तुझे यत्न से ढूंढूंगा; सूखी और निर्जल ऊसर भूमि पर, मेरा मन तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है।
भजन संहिता ६३:१ -
वह लाचार की प्रार्थना की ओर मुंह करता है, और उनकी प्रार्थना को तुच्छ नहीं जानता।
भजन संहिता १०२:१७ -
तौभी जब जब उनका चिल्लाना उसके कान में पड़ा, तब तब उस ने उनके संकट पर दृष्टि की! और उनके हित अपनी वाचा को स्मरण करके अपनी अपार करूणा के अनुसार तरस खाया
भजन संहिता १०६:४४, ४५ -
मैं प्रेम रखता हूं, इसलिये कि यहोवा ने मेरे गिड़गिड़ाने को सुना है। उस ने जो मेरी ओर कान लगाया है, इसलिये मैं जीवन भर उसको पुकारा करूंगा।
भजन संहिता ११६:१, २ -
क्या ही धन्य हैं वे जो उसकी चितौनियों को मानते हैं, और पूर्ण मन से उसके पास आते हैं!
भजन संहिता ११९:२ -
ममैं पूरे मन से तेरी खोज मे लगा हूं; मुझे तेरी आज्ञाओं की बाट से भटकने न दे!
भजन संहिता ११९:१० -
यहोवा जो इस्राएल का पवित्र और उसका बनानेवाला है, वह यों कहता है, क्या तुम आनेवाली घटनाएं मुझ से पूछोगे, क्या मेरे पुत्रों और मेरे कामों के विषय मुझे आज्ञा दोगे।
यशायाह ४५:११ -
जब तक यहोवा मिल सकता है तब तक उसकी खोज में रहो, जब तक वह निकट है तब तक उसे पुकारो।
यशायाह ५५:६ -
कोई भी तुझ से सहायता लेने के लिये चौकसी करता है कि तुझ से लिपटा रहे; क्योंकि हमारे अधर्म के कामों के कारण तू ने हम से अपना मुंह छिपा लिया है, और हमें हमारी बुराइयों के वश में छोड़ दिया है।
यशायाह ६४:७ -
उनके पुकारने से पहिले ही मैं उनको उत्तर दूंगा, और उनके मांगते ही मैं उनकी सुन लूंगा।
यशायह ६५:२४ -
तुम मुझे ढूंढ़ोगे और पाओगे भी, क्योंकि तुम अपके सम्पूर्ण मन से मेरे पास आओगे।
यर्मियाह २९:१३ -
मुझ से प्रार्थना कर और मैं तेरी सुनकर तुझे बढ़ी-बड़ी और कठिन बातें बताऊंगा जिन्हें तू अभी नहीं समझता।
विलापगीत २:१९ -
हम अपने चालचलन को ध्यान से परखें, और यहोवा की ओर फिरें। हम स्वर्ग में विराजमान परमेश्वर की ओर मन लगाएं और हाथ फैलाएं
विलापगीत ३:४०, ४१ -
तौभी यहोवा की यह वाणी है, अभी भी सुनो, उपवास के साथ रोते-पीटते अपने पूरे मन से फिरकर मेरे पास आओ।
योएल २:१२ -
ताकि तेरा दान गुप्त रहे; और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।
मत्ती ६:४ -
मैं तुम से सच कहता हूं, जो कुछ तुम पृथ्वी पर बान्धोगे, वह स्वर्ग पर बन्धेगा और जो कुछ तुम पृथ्वी पर खोलोगे, वह स्वर्ग पर खुलेगा। फिर मैं तुम से कहता हूं, यदि तुम में से दो जन पृथ्वी पर किसी बात के लिये जिसे वे मांगें, एक मन के हों, तो वह मेरे पिता की ओर से जो स्वर्ग में है उन के लिये हो जाएगी। क्योंकि जहां दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठे होते हैं वहां मैं उन के बीच में होता हूं।
मत्ती ६:४ -
परन्तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा, और द्वार बन्द कर के अपने पिता से जो गुप्त में है प्रार्थना कर; और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।
मत्ती ६:६ -
क्योंकि जो कोई मांगता है, उसे मिलता है, और जो ढूंढ़ता है, वह पाता है और जो खटखटाता है, उसके लिये खोला जाएगा।
मत्ती ७:७ -
फिर मैं तुम से कहता हूं, यदि तुम में से दो जन पृथ्वी पर किसी बात के लिये जिसे वे मांगें, एक मन के हों, तो वह मेरे पिता की ओर से जो स्वर्ग में है उन के लिये हो जाएगी। क्योंकि जहां दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठे होते हैं वहां मैं उन के बीच में होता हूं।
मत्ती १८:१९, २० -
यदि तुम विश्वास रखो, और सन्देह न करो, तो ... यदि इस पहाड़ से भी कहोगे, कि उखड़ जा और समुद्र में जा पड़, तो यह हो जाएगा। और जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्वास से मांगोगे वह सब तुम को मिलेगा।
मत्ती २१:२१, २२ -
फिर वह थोड़ा और आगे बढ़कर मुंह के बल गिरा, और यह प्रार्थना करने लगा, कि हे मेरे पिता, यदि हो सके, तो यह कटोरा मुझ से टल जाए तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो।
मत्ती २६:३९ -
यह जाति बिना प्रार्थना और उपवास किसी और उपाय से निकल नहीं सकती।
मरकुस ९:२९ -
इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि जो कुछ तुम प्रार्थना करके मांगों तो प्रतीति कर लो कि तुम्हें मिल गया, और तुम्हारे लिये हो जाएगा।
मरकुस ११:२४ -
और मैं तुम से कहता हूं कि मांगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूंढ़ों तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा। क्योंकि जो कोई मांगता है, उसे मिलता है; और जो ढूंढ़ता है, वह पाता है; और जो खटखटाता है, उसके लिये खोला जाएगा।
लूका ११:९, १० -
शमौन, हे शमौन, देख, शैतान ने तुम लोगों को मांग लिया है कि गेंहूं की नाई फटके। परन्तु मैं ने तेरे लिये बिनती की, कि तेरा विश्वास जाता न रहे; और जब तू फिरे, तो अपने भाइयों को स्थिर करना।
लूका २२:३१, ३२ -
और जो कुछ तुम मेरे नाम से मांगोगे, वही मैं करूंगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो। यदि तुम मुझ से मेरे नाम से कुछ मांगोगे, तो मैं उसे करूंगा।
युहन्ना १४:१३, १४ -
यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।
युहन्ना १५:७ -
...यदि पिता से कुछ मांगोगे, तो वह मेरे नाम से तुम्हें देगा। अब तक तुम ने मेरे नाम से कुछ नहीं मांगा। मांगो तो पाओगे ताकि तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए।
युहन्ना १६:२३, २४ -
न अविश्वासी होकर परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर संदेह किया, पर विश्वास में दृढ़ होकर परमेश्वर की महिमा की। और निश्चय जाना, कि जिस बात की उस ने प्रतिज्ञा की है, वह उसे पूरी करने को भी सामर्थी है।
रोमियों ४:२०, २१ -
इसी रीति से आत्मा भी हमारी र्दुबलता में सहयता करता है, क्योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये बिनती करता है। और मनों का जांचनेवाला जानता है, कि आत्मा की मनसा क्या है क्योंकि वह पवित्र लोगों के लिये परमेश्वर की इच्छा के अनुसार बिनती करता है। रोमियों
रोमियो ८:२६, २७ -
अब जो ऐसा सामर्थी है, कि हमारी बिनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है, उस सामर्थ के अनुसार जो हम में कार्य करता है
इफिसियों ३:२० -
और हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना, और बिनती करते रहो, और इसी लिये जागते रहो, कि सब पवित्र लोगों के लिये लगातार बिनती किया करो।
इफिसियों ६:१८ -
निरन्तर प्रार्थना मे लगे रहो।
१ थिसुलोनिकियों ५:१७ -
सो मैं चाहता हूं, कि हर जगह पुरूष बिना क्रोध और विवाद के पवित्र हाथों को उठाकर प्रार्यना किया करें।
1 तीमुथियुस २:८ -
इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।
इब्रानियों ४:१६ -
इसी लिये जो उसके द्वारा परमेश्वर के पास आते हैं, वह उन का पूरा पूरा उद्धार कर सकता है, क्योंकि वह उन के लिये बिनती करने को सर्वदा जीवित है।
इब्रानियों ७:२५ -
और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है, क्योंकि परमेश्वर के पास आनेवाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है, और अपने खोजने वालों को प्रतिफल देता है।
इब्रानियों ११:६ -
पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्देह न करे। क्योंकि सन्देह करने वाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है। ऐसा मनुष्य यह न समझे, कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा।
याकूब १:६, ७ -
परमेश्वर के निकट आओ, तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा
याकूब ४:८ -
और जो कुछ हम मांगते हैं, वह हमें उस से मिलता है, क्योंकि हम उस की आज्ञाओं को मानते हैं और जो उसे भाता है वही करते हैं।
१ युहन्ना ३:२२ -
और हमें उसके साम्हने जो हियाव होता है, वह यह है, कि यदि हम उस की इच्छा के अनुसार कुछ मांगते हैं, तो हमारी सुनता है। और जब हम जानते हैं, कि जो कुछ हम मांगते हैं वह हमारी सुनता है, तो यह भी जानते हैं, कि जो कुछ हम ने उस से मांगा, वह पाया है।
१ युहन्ना ५:१४, १५