भय

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  • यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है, मैं किस से डरूं, यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं;....क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्तस्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा।
    भजन संहिता २७:१, ५
  • मैं यहोवा के पास गया, तब उस ने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया।
    भजन संहिता ३४:४
  • परन्तु जो मेरी सुनेगा, वह निडर बसा रहेगा, और बेखटके सुख से रहेगा।
    नीतिवचन १:३३
  • घबराने वालों से कहो, हियाव बान्धो, मत डरो! देखो, तुम्हारा परमेश्वर पलटा लेने और प्रतिफल देने को आ रहा है। हां, परमेश्वर आकर तुम्हारा उद्धार करेगा।
    यशायाह ३५:४
  • मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं? मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहाथता करूंगा, अपके धर्ममय दहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा।
    यशायाह ४१:१०
  • क्‍योंकि तुम को दासत्‍व की आत्मा नहीं मिली, कि फिर भयभीत हो परन्‍तु लेपालकपन की आत्मा मिली है, जिस से हम हे अब्‍बा, हे पिता कहकर पुकारते हैं।
    रोमियों ८:१५
  • क्‍योंकि परमेश्वर ने हमें भय की नहीं पर सामर्थ, और प्रेम और संयम की आत्मा दी है।
    २ तीमुथियुस १:७
  • परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलनेवाला सहायक। इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं; चाहे समुद्र गरजे और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से कांप उठे।
    भजन संहिता ४६:१-३
  • जिस समय मुझे डर लगेगा, मैं तुझ पर भरोसा रखूंगा। परमेश्वर की सहयाता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूंगा, परमेश्वर पर मैं ने भरोसा रखा है, मैं नहीं डरूंगा। कोई प्राणी मेरा क्या कर सकता है?
    भजन संहिता ५६:३, ४
  • तू न रात के भय से डरेगा, और न उस तीर से जो दिन को उड़ता है, न उस मरी से जो अन्धेरे में फैलती है, और न उस महारोग से जो दिन दुपहरी में उजाड़ता है।
    भजन संहिता ९१:५, ६
  • जब तू लेटेगा, तब भय न खाएगा; जब तू लेटेगा, तब सुख की नींद आएगी।
    नीतिवचन ३:२४
  • तू उनके मुख को देखकर मत डर, क्योंकि तुझे छुड़ाने के लिथे मैं तेरे साथ हूँ, यहोवा की यही वाणी है।
    यर्मियाह १:८
  • प्रेम में भय नहीं होता, वरन सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है, क्‍योंकि भय के कष्‍ट होता है, और जो भय करता है, वह प्रेम में सिद्ध नहीं हुआ।
    १ युहन्ना ४:१८
  • तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्‍योंकि उस ने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिथे हम बेधड़क होकर कहते हैं कि प्रभु मेरा सहायक है मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्‍या कर सकता है।
    इब्रानियों १३:५, ६६
  • मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे।
    युहन्ना १४:२७
  • इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली यी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे। और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्‍व में फंसे थे, उन्‍हें छुड़ा ले।
    इब्रानियों २:१४, १५